ज़िन्दगी का घना कोहरा
छट जाता है जब आती हो तुम,
अपनी धूप सी साड़ी मैं छाव लिए
कंगन का खनकना और पायल का छनकना
ये सब तो आम बातें है,
तुम आती हो तो,
थिरकती है यह हवा,सोख लेते है फूल तुम्हारी खुशुबू,
हिरन की नाभी में छिपी कस्तूरी सी
बिखरती हो हर ओर,खुद से बेखबर
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