शायद रास्ते

उंगलियों से बेमेल शायद थे वो
रास्ते.......

बेमेल गिरहो में पनपते शायद थे वो
रास्ते.......

पत्थरों पे
काई से फिसलते शायद थे वो
रास्ते ,,,,,,

ओस की बूँद पर धूप की परछाई के साथ
सूखते शायद थे वो
रास्ते,,,,,,,!!!

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